यदि मुझे अपने बारे में बताना हो तो मैं यह कहूँगी कि मैं एक छोटे शहर की लड़की हूँ जो अपने सपनो को साहस, इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प के साथ पूरा होते हुए देखना चाहती है। मेरे जीवन में बहुत सारी कठिनाइया आई और मैं उन कठिनाइयों को एक सकारात्मक सोच के साथ दूर करने का प्रयास कर रही हूँ, यही मेरे जीवन की अभी तक की कहानी है। इन कठिनाइयों को दूर करने में मैं सफल भी हुई और असफल भी; लेकिन मैं कभी निराश नहीं हुई और ना ही मैंने बड़े सपने देखना छोड़ा।
ब्लाइंड स्टार स्वाति सक्सेना
मेरा जन्म एक नवाबो के शहर भोपाल में एक माध्यम वर्गीय परिवार में हुआ, ९ साल की उम्र तक अपनी दो बहनो के साथ एक सामान्य सा जीवन व्यतीत किया, उसके बाद सब कुछ उलझ गया। मैंने अपनी आँखों की रोशनी खोना शुरू कर दिया , जिसका अभी तक कारण पता नहीं चल सका है। डॉक्टरों ने कॉर्निया प्रत्यारोपण की सलाह दी और कई बार ये किया भी गया, लेकिन हर बार एक झूठी उम्मीद के साथ कुछ महीनो के बाद आँखों की रोशनी और काम होती गई। आँखों की रोशनी के आने – जाने की वजह से पढाई बहुत मुश्किल हो गई थी लेकिन मैंने हमेशा इससे लड़ती रही। दसवी का परिणाम बहुत ही ख़राब रहा और मेरे लिए बहुत ही दुःखदाईं और झटका देने वाला था, लोगो ने बिना मेरी परिस्थियों / भावनाओं को सोचे समझे मेरी जबरदस्त आलोचना की। हालांकि मैंने अपने आपको संभाला और बारहवीं बोर्ड में बहुत अच्छे नंबर लाये, अब हर तरफ से होने वाली आलोचनाएँ प्रशंसा में बदल गई।
ज्यादातर मौकों पर परिवार मेरी ताकत रहा लेकिन कभी कभी कमजोरी भी। जो भी काम करने की मैंने कोशिश की उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया, हालांकि कभी कभी ऐसा भी समय होता था जब वो मेरे परिप्रेक्ष्य से चीजों को देखने में नाकाम रहे, यह एक विडंबना भी है।
Blind star Swati Saxena – a small town visually challenged girl
कॉलेज जीवन बहुत मज़ेदार था, मेरे शिक्षक श्री रोहित त्रिवेदी ने मेरे भीतर से असली स्वाति को बाहर लाने में बहुत बड़ी भूमिका अदा की, और धीरे-धीरे एक अंतर्मुखी लड़की एक बहिर्मुखी महत्वाकांक्षी लड़की में बदल गई। मैंने कॉलेज में हर तरह की पाठ्येतर गतिविधियों में भाग लिया और कॉलेज में बहुत लोकप्रिय हो गई। मैंने बहुत कोशिशे की मैं अच्छे प्रबंधन संस्थानों में पढाई कर सकू लेकिन किसी में भी अपनी जगह नहीं बना पाई। जब मैंने अपना स्थान देश के प्रतिष्ठित संस्थान टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ़ सोशल साइंस (टीआईएसएस) में सुरक्षित कर लिया तो इस बारे में दुखी होना बंद कर दिया।
कम्प्यूटर सीखने के लिए टीसीएस में जो मैंने पिछले दो महीने बिताये उसने मुझे अकेले दुनिया को समझने और चुनौतियों का सामना करने के लायक बना दिया। टीआईएसएस में बिताया गया समय मेरे लिए एक अच्छा अनुभव था हालाँकि कई बार मुझे कडुवे अनुभव भी मिले। वहा की फैकल्टी बहुत अच्छी थी, इसी तरह सुविधाएं और दोस्त भी; हालांकि, काफी अवसर पर साथियों ने मुझसे अलग तरह से व्यवहार किया और कुछ के लिए यह बहुत मुश्किल हो रहा था की उनके बीच एक अंधी लड़की है जिसको स्वीकार कर उसके साथ समान रूप से प्रतिस्पर्धा की जाए।
ई एक्स एल सर्विसेस, नोएडा ने मुझे ह्यूमेन रिसोर्स मैनेजर के तौर पर पहला कार्य अनुभव दिया। यह फिर से मीठा और खट्टा यादों का एक मिश्रण था; लेकिन फिर भी लोग अक्सर मेरे दृष्टिकोण को समझने में विफल रहते थे। इस दौरान एक और कार्निया प्रत्यारोपण हुआ जो मेरी यादाश्त के मुताबिक सबसे अच्छा था।
मैंने सपने देखना बंद नहीं किया है, हाल ही में मुझे लिग्नाइट खनन और बिजली उत्पादन की एक विशाल कंपनी नेयवेली लिग्नाइट कारपोरेशन में चुना गया। अब मैं इन नई चुनौतियों और नई सफलताओ के लिए एक ऊँची उड़ान भरने की तैयारी कर रही हूँ।
ब्लाइंड स्टार्स स्वाति सक्सेना