‘दृष्टि 2016’ नेत्रदान फिल्म फेस्टिवल का आगाज आज से No ratings yet.

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आगरा। नेत्रदान को बढ़ावा देने को ‘दृष्टि 2016’ समारोह का आरंभ शुक्रवार को डॉ. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय के जुबली हॉल में होगा। दो दिवसीय समारोह में फिल्म फेस्टिवल, संगीतमय प्रस्तुति एवं पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। नेत्रदान को लेकर देशभर से आईं 10 फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। कार्यक्रम में सौ से अधिक पोस्टरों का प्रदर्शन होगा। दृष्टि 2016 को अंतर्दृष्टि संगठन और विश्वविद्यालय के एम. एस. डब्लू. विभाग मिलकर आयोजित कर रहा है।

अंतरदृष्टि के सीईओ अखिल श्रीवास्‍तव ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि दृष्टि कार्यक्रम पिछले 6 साल से आयोजित हो रहा है। इसकी शुरुआत वर्ष 2011 में की गई थी। इसमें देशभर से नेत्रदान को बढ़ावा देने वाली फिल्म, पोस्‍टर, ऑडियो जिंगल की एंट्री मंगवाई जाती है। अब तक 80 से अधिक फिल्‍में हैं। इस बार ‘दृष्टि 2016’ में 10 फिल्मों की प्रवृष्टि आई हैं। समारोह में इनका प्रदर्शन किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि ये एंट्री देशभर से आई हैं, हालांकि हर बार की तरह इस बार भी अधिकतर दक्षिण भारत से हैं।

कॉन्फ्रेंस के दौरान योगेंद्र दुबे ने बताया कि इस दो दिवसीय कार्यक्रम में पहले दिन यानी 9 दिसम्बर 2016 को दृष्टिहीनो से जुड़ी समस्याओ और उनके निदान पर परिचर्चा होगी जिसकी शुरुआत ईरान के प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक मजीद मजीदी की फिल्म कलर ऑफ़ पैराडाइस (रंग-ए-खुदा) को दिखा कर होगी, जो की एक 8 साल के दृष्टिहीन बच्चे “मुहम्मद” पर आधारित है। इसी दिन अंतर्दृष्टि, दृष्टिहीनों की समस्याओ के समाधान हेतु अपने नए शुरू होने वाले अभियान “दृष्टि कनेक्ट” की जानकारी साँझा करेगी, जो कि विशेष रूप से बनवाये गए एक सॉफ्टवेयर पर आधारित होगा।

दूसरे दिन 10 दिसम्बर 2016 को दृष्टि फिल्म फेस्टिवल के साथ – साथ नेत्रदान पर चर्चा-परिचर्चा होगी और विजेताओ को सम्मानित किया जाएगा। सम्मान समारोह के दौरान दृष्टि 2016 में ऑडियो जिंगल में गोल्डन ऑय विजेता प्रतिभागी अपने ऑडियो जिंगल पर एक नृत्य प्रस्तुति भी देंगी जो की कोयम्बटूर से आ रही है।

अंतर्दृष्टि से जुड़ी दृष्टिहीन सिप्पी गुप्ता ने कहा कि डॉ. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय का एम. एस. डब्लू. विभाग पहले की तरह इस बार भी कार्यक्रम में सहयोगी है। कार्यक्रम के माध्‍यम से कोशिश होगी कि नेत्रदान प्रोत्साहन के साथ – साथ नेत्रहीन लोगों को आंतरिक ऊर्जा कैसे दी जाए, ताकि वे समाज में अपनी पूरी जगह बना सकें।

दोनों ही दिन कार्यक्रम अपराह्न 12:05 पर शुरू होंगे।

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