शाइन इंडिया फाउंडेशन कोटा -रुके नहीं, थके नहीं, रौशनी दिलाने में

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रौशन तुम्ही से दुनिया,रौनक तुम्हीं जहाँ कि
ख़ुद के घर अँधेरा कर,दूसरों का घर किया रौशन
नेत्र मिले,अब नहीं होगी कभी उनकी दुनिया में अमावस,
कोटा से हुये नेत्रदान कि आँखों से कोई भोपाल में दिवाली मनायेगा,कोई पूना में
नेत्रदान से मिले नेत्रों से,आँख का अँधियारा दूर कर मनाते हैं,दिवाली
असली दिवाली है, किसी कि आँख का अँधियारा हमेशा दूर करना
रुके नहीं,थके नहीं,रौशनी दिलाने कि ख़ुशी में,पैर कभी थमे नहीं
दुःख को कम करने में भी सहायक है, नेत्रदान

शाइन इंडिया फाउंडेशन कोटा

कोटा में चार साल पहले कि छोटी सी शुरुवात कि गयी, मृत्यु के बाद पार्थिव शरीर से नेत्र प्राप्त कर कोर्निया अन्धता से बाधित व्यक्तियों कि अन्धता हमेशा के लिए दूर करने कि! काम मुश्किल था,पर ना-मुमकिन बिल्कुल भी नहीं! कुछ जागरूक व सामाजिक कार्यों से जुड़े लोगों ने संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन का गठन किया, इन्होनें आई बैंक सोसायटी ऑफ़ राजस्थान,जयपुर के साथ मिलकर इस मुहीम को कोटा में प्रारंभ किया! शोकाकुल परिवारों में मृत्यु के बाद, नेत्रदान कि बात करना आसान नही था! इसके लिए सभी ने मिलकर रणनीति तैयार कि,निर्णय लिया गया कि सिर्फ जागरूकता ही हमको हमारे नेत्र प्राप्त करने के कार्य में गति प्रदान कर सकती हैं! प्रमुख पत्रकारों से भी चर्चा कि गयी,कि हम नेत्रदान महादान के कार्य को जन जन तक पहुँचाना चाहते हैं, जिसे दैनिक भास्कर समूह ने सहर्ष स्वीकार किया !

कार्य प्रारंभ हुआ,उसके बाद संस्था ने कितनी ही विकट परेशानियों का सामना किया,पर हमेशा रौशनी लाने के प्रयास से पीछे नहीं हुए ! संस्था के पास चार साल बाद भी न तो नेत्रदान के कार्य के लिए कोई वाहन है,न इस मुहीम को निरन्तर चलाये रखने के लिए कोई दान-दाता द्दारा आर्थिक सह्योग,न कार्य को ठीक ढंग से सम्पूर्ण हाडौती में बढाने के लिये उपयुक्त संसाधन ! संस्था के पास मालिक ट्रेडर्स के श्री अनुराग मलिक जी द्दारा एक कार्यालय जरूर जवाहर नगर में नि:शुल्क दिया गया है, जो कि खुद भी संस्था के साथ जुड़कर कार्य कर रहे हैं !

शाइन इंडिया फाउंडेशन कोटा के सभी सदस्यों का मानना हैं,कि किसी भी उम्र के व्यक्ति/पुरुष/महिला का नेत्रदान होना,जहाँ उस परिवार में दुःख का माहौल बना देता हैं, वहीँ दुसरे घर में,जहाँ यह नेत्र प्रतायारोपण किया जाता है,वहां ख़ुशी का माहौल बना देता हैं ! कई परिवार जो शोक में डूबे रहने के कारण प्रारंभ में एक दम से नेत्रदान के लिये राज़ी नहीं होते, वही जब नेत्रदान का कार्य व अंतिम संस्कार कि प्रक्रिया हो जाने के बाद,यह जानकर खुश होते हैं, कि भले ही हमारे स्वजन इस दुनिया में नहीं रहे,पर उनकी आँखे आज भी जीवित हैं! यह भी मन जाता है कि नेत्रदान का होना,परिवार में कहीं न कहीं दुःख को कम करने में भी सहायक हुआ है!

शाइन इंडिया फाउंडेशन कोटा और दैनिक भास्कर के सयुंक्त प्रयास से आज सिर्फ कोटा शहर में ही नहीं,कोटा के आस-पास के 150 किलो-मीटर के क्षेत्र में गाँव-गाँव तक में नेत्रदान के प्रति अच्छी खासी जागरूकता बढ़ने के साथ-साथ नेत्रदान भी हुये हैं! संस्था के पास आवागमन के साधन न होने के बाद भी दिन-रात,सर्दी-गर्मी,बारिश में रास्ते का जाम होने कि स्थिति होने पर भी होंसला रखा, और अपने काम को पूरा करके ही दम लिया!

आज कोटा संभाग में नेत्रदान के कार्य को लेकर सिर्फ एक ही संस्था को जाना जाता है – शाइन इंडिया फाउंडेशन कोटा,जिसने चार वर्षो में 160 जोड़ी नेत्रदान सम्पूर्ण संभाग के गाँव-गाँव जाकर लिये है! प्राप्त नेत्रों में से अधिकतम नेत्रों का सफल प्रत्यारोपण भी सवाई मानसिंह अस्पताल, जयपुर के आई बैंक द्दारा किया जा चुका हैं!

नेत्रदान के इंतजार में हैं पचास लाख लोग, आपके प्रयास से नेत्रहीनों की दुनिया हो सकती है खूबसूरत

दुनिया बेहद खूबसूरत है। कल-कल बहती नदी, हरियाली से भरे पहाड़ों को देखकर देखते ही गजब सा आनंद होता है। आस-पास की हर चीज का सौंदर्य जिंदगी में खुशी के रंग बिखेरता है। यह एहसास दिलाने का काम आंखें करती हैं। लेकिन, क्‍या आपने कभी सोचा है कि आंख के बिना ये सब कुछ कैसा महसूस होगा? आप सिर्फ दो मिनट आंखों में पट्टी बांधें। हर तरफ अंधेरा होगा और दुनिया का सौदर्य बेकार लगेगा। देश में अच्‍छी खासी संख्‍या में ऐसे लोग हैं, जिनकी जिंदगी में ऐसा अंधेरा है। ये नेत्रहीन हैं। इनमें से लगभग पचास लाख लोगों को अगर नेत्रदान से कॉर्निया मिल जाए, तो उनकी जिंदगी रोशन हो सकती है। जरूरत इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्रसारित करने की है।

Our efforts can make the blind people’s world colourful
Eye Donation – F.A.Q.
Keep your love in the soul, Donate Eyes
if we want to give eye sight to one lakh people we will require nearly 2 lakh cornea
नेत्रदान
नेत्रदान के इंतजार में हैं पचास लाख लोग
यदि एक लाख नेत्रहीनों में ट्रांसप्‍लांट करने है तो कम से कम दो लाख कॉर्निया का दान करवाना होगा
List of selected Eye Bank in India
Drishti – Creative Contest Campaign to promote Eye Donation

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a social development organisation is committed to the cause of blind people in our society. Towards this we had made a humble beginning in 2006. It is registered as a Public Charitable Trust under Indian Trust Act, 1882.

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