लायंस आई बैंक वाराणसी – सरसुंदर लाल अस्पताल के आकस्मिक बिभाग में नेत्रदान सम्पन्न

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लॉयन्स आईबैंक के निदेशक  टंडन ने बताया की स्व. शोभावती दुबे का निधन दिनांक १८ अप्रैल को आकस्मिक बिभाग, सरसुन्दर लाल अस्पताल में हो गया।  उनके निधन के बाद मृतक के परिजनों ने अस्पताल कर्मचारियों से शरीर दान / अंगदान करने अनुरोध  किया, इस पर बीएचयू के कंट्रोल रूम ने डॉ अभिषेक चंद्रा – डायरेक्टर चंद्रा आई केयर , को फ़ोन कर नेत्रदान की प्रक्रिया सम्पन्न करवायी।
डॉ. टंडन ने बताया की मृतक शोभावती के पुत्रों की अभिलाषा थी की उनकी माँ के अन्य उपयोगी अंगो को भी दान दिया जाए , परन्तु यहाँ पर उसकी सुबिधा उपलब्ध न होने की वजह से केवल नेत्रदान ही किया जा सका।
स्व. शोभावती – अवधपुरी कॉलोनी, बेनीगंज, फैज़ाबाद की निवासिनी थी,एव यहाँ इलाज हेतु आई थी।  नेत्रदान के समय अस्पताल स्टाफ , मृतक के पुत्र – डॉ. ए. के.  दुबे, डॉ. आर के दुबे एव सुधीर दुबे मौजूद थे।  नेत्रदान को संपन्न करने में डॉ. शेखर , अमितेश , पवन एवं रंजीत का योगदान रहा। प्राप्त कॉर्निया का सफल प्रत्यारोपण चंद्रा आई केयर में डॉ अभिषेक चंद्रा, डॉ गोविन्द खलखो एव डॉ सुनील ने दोनों आँख से अंधे एक पुरुष एव एक महिला को किया गया।

लायंस आई बैंक वाराणसी के निदेशक डॉ अनुराग टंडन ने बताया की अग्रवाल समाज के सक्रिय सदस्य स्व त्रिलोकी नाथ अग्रवाल उर्फ़ बांके बिहारी, उम्र ७६ साल, पैगम्बर पुर, वाराणसी निवासी का निधन दिनांक ५ – ३- २०१६ को उनके निवास पर हो गया। उनके निधन के बाद उनके बड़े पुत्र बबलू कुमार अग्रवाल की सहमति से नेत्रदान किया गया। नेत्रदान की प्रक्रिया लायंस आई बैंक वाराणसी के संयोजक डॉ अभिषेक चंद्रा, डॉ प्रियंका जोशी, नीलम गौतम एव प्रेम सागर ने संपन्न करायी।

लायंस आई बैंक वाराणसी

लायंस आई बैंक वाराणसी व्यवस्थापक डॉ. शेखर ने बताया की वाराणसी में नेत्रदान की प्रगति में स्वयंसेवी संस्थाओ का बिशेष योगदान रहा है उसमे प्रमुख रूप से खत्री समाज, अग्रवाल समाज, सिंधुविकास  समिति एव मारवाड़ी समाज का बिशेष सहयोग रहा। ऐसे लोग एव परिवार भी है – जो नेत्रदान महादान को पारिवारिक परम्परा की तरह निभाते है इसमे श्री आमोद प्रकाश अग्रवाल एव रस्तोगी परिवार दधिची की भूमिका में है। इस अवसर पर मृतक की पत्नी शशि रानी, पुत्र समीर कुमार, पुत्री अंजलि मौजूद थी। बबलू जी पूर्व में भी अपने रिस्तेदारो का नेत्रदान करवा चुके है।

लायंस प्रकाश जी अग्रवाल ने  डॉ अभिषेक चंद्रा एव डॉ अनुराग टंडन की निःशुल्क कॉर्निया प्रत्यारोपण के क्षेत्र एव नेत्रदान महादान कार्य को  व्यवसायीकरण से मुक्त रखने हेतु प्रसंशा की एव कहा की यही वजह है की समाज के हर वर्ग का इन्हे सहयोग प्राप्त है।

नेत्रदान के इंतजार में हैं पचास लाख लोग, आपके प्रयास से नेत्रहीनों की दुनिया हो सकती है खूबसूरत

दुनिया बेहद खूबसूरत है। कल-कल बहती नदी, हरियाली से भरे पहाड़ों को देखकर देखते ही गजब सा आनंद होता है। आस-पास की हर चीज का सौंदर्य जिंदगी में खुशी के रंग बिखेरता है। यह एहसास दिलाने का काम आंखें करती हैं। लेकिन, क्‍या आपने कभी सोचा है कि आंख के बिना ये सब कुछ कैसा महसूस होगा? आप सिर्फ दो मिनट आंखों में पट्टी बांधें। हर तरफ अंधेरा होगा और दुनिया का सौदर्य बेकार लगेगा। देश में अच्‍छी खासी संख्‍या में ऐसे लोग हैं, जिनकी जिंदगी में ऐसा अंधेरा है। ये नेत्रहीन हैं। इनमें से लगभग पचास लाख लोगों को अगर नेत्रदान से कॉर्निया मिल जाए, तो उनकी जिंदगी रोशन हो सकती है। जरूरत इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्रसारित करने की है।

Our efforts can make the blind people’s world colourful
Eye Donation – F.A.Q.
Keep your love in the soul, Donate Eyes
if we want to give eye sight to one lakh people we will require nearly 2 lakh cornea
नेत्रदान
नेत्रदान के इंतजार में हैं पचास लाख लोग
यदि एक लाख नेत्रहीनों में ट्रांसप्‍लांट करने है तो कम से कम दो लाख कॉर्निया का दान करवाना होगा
 List of selected Eye Bank in India
Drishti – Creative Contest Campaign to promote Eye Donation

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