आगरा। आंखों को समर्पित पत्रिका ‘आई केयर इंफो’ का लोकार्पण शुक्रवार को केंद्रीय हिन्दी संस्थान के निदेशक प्रो. नंद किशोर पांडेय व छात्र-छात्राओं ने किया। इस दौरान नेत्रदान जागरूकता का संदेश देने वाली लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया गया।
अंतरदृष्टी संस्था के सीईओ अखिल श्रीवास्तव ने संस्था का संक्षिप्त परिचय दिया। उन्होंने बताया कि पिछले दस वर्षों से आंखों संबंधित विषयों पर काम करने के दौरान एक ऐसी पत्रिका की जरूरत महसूस हुई, जिसके माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों को आंखों की विभिन्न बीमारियों, नेत्रदान जागरूकता एवं दृष्टीहिनों के समग्र विकास के लिए जागरुक किया जा सके। इस पत्रिका में लिखने वाले ज्यादातर लोग दृष्टीहीन हैं।
आम तौर पर मेडिकल भाषा को समझना आम लोगों के लिए संभव नहीं होता है। लेकिन इस पत्रिका की खास बात है कि यह दो भाषाओं में सरलता से जानकारी देती है।
कार्यक्रम में नेत्रदान से जुड़े 10 लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। ये फिल्में ‘दृष्टी‘ नेत्रदान जागरूकता अभियान के तहत देशभर से मंगवाई जाती हैं।
इस अवसर पर नेत्रदान विषय पर एक परिचर्चा भी हुई। इसमें केंद्रीय हिन्दी संस्थान के देश-विदेश के छात्र-छात्राओं ने भी सहभागिता की।
कार्यक्रम में एसएन मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. एसके सत्संगी कहा कि नेत्रदान जागरूकता को आगे बढ़ाया जाए। देश में 50 लाख से अधिक नेत्रहीन लोग आई डोनेशन का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में सभी के पास आईबैंक का नंबर होना चाहिए, ताकि किसी के निधन के बाद आई डोनेशन हो सके।
कार्यक्रम में केंद्रीय हिन्दी संस्थान के निदेशक प्रो. नंद किशोर पांडेय ने कहा कि नेत्रदान के साथ-साथ दृष्टीहिनों के विकास की भी बात होनी चाहिए। उनको भी समाज का हिस्सा मानते हुए मौके दिए जाने चाहिए, ताकि वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें। प्रो. पांडेय ने कहा कि इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम के लिए संस्थान का सहयोग जारी रहेगा।
धन्यवाद ज्ञापन केंद्रीय हिन्दी संस्थान के कुलसचिव डॉ. चंद्रकांत त्रिपाठी ने किया। उन्होंने कहा कि इस दौरान प्रो. वीणा शर्मा, प्रो. हरीशंकर, प्रो. देवेंद्र शुक्ल, डॉ. सपना गुप्ता, डॉ. मुनीशा पाराशर, चंद्रकांत कोठे, डॉ. तस्मीना हुसैन, विक्रम शुक्ला आदि मौजूद थे।