साधारण शब्दों में एक्सेसिबिल्टी को परिभाषित किया जाये तो इसका सीधा सा मतलब होता है जीवन में आने वाली ढ़ेर सारी बाधाओं को आसान बनाना चीजों तक अपनी पहुंच सुनिशिचत करना। हमारे जैसे लोग जिन्हें कम दिखार्इ देता है या बिल्कुल भी दिखार्इ नहीं देता उनके लिए तो यह और भी महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि हमे एक्सेसिबिल्टी से संबंधित बहुत सारी समस्याओं से दिन प्रतिदिन जुझना पड़ता है। हर व्यकित अपने – अपने तरीके से इन समस्याओं से निपटने की कोशिश करता है। आज हम लोग दृष्टिहीनो के जीवन में आने वाली समस्यओं को समझने की कोशिश करेंगे और उनका हल भी जानने का प्रयास करेंगे।

दृष्टिहीनता अलग – अलग व्यकितयों में विभिन्न प्रकार की होती है, कुछ लोग पूरी तरह दृष्टिहीन होते है तो कुछ को थोड़ा दिखार्इ पड़ता है तो कुछ को किसी वस्तु को देखने के लिए बहुत नजदीक ले जाना पड़ता है। दृष्टिहीनों को आगे बढ़ने के लिए कदम कदम पर हर दिन नयी-नयी समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है, चाहे वह चलने-फिरने की बात हो या फिर पढ़ार्इ, आस-पास घट रही घटनाओं की जानकारी, लड़कियों  महिलाओं के लिए घरेलू कार्य, आदि बहुत सारी बाते है जिन पर चर्चा हो सकती है। नयी – नयी तकनीको और प्रशिक्षण से दृष्टिहीन अब अपना जीवन सामान्य व्यकितयों की तरह ही जी सकते है। क्या हुआ? आपको भरोसा नहीं हो रहा है मेरी बात का। धीरे-धीरे हम लोग समझेंगे कि कैसे दृष्टिहीन सामान्य व्यकितयों जैसा जीवन सकते है। अब दृष्टिहीन भी अपने घर को अच्छी तरह से रख सकते है, सारे घरेलू कार्य कर सकते है, सरकारी से लेकर बहुराष्टरीय कंपनीयों में नौकरी करते है।

सबसे बड़ी समस्या अकेले एक जगह से दूसरी जगह जाने की होती है। सफेद छड़ी के इस्तेमाल का प्रशिक्षण और जी.पी.एस. के माध्यम से नोकियागूगल मानचित्र पर अपनी सिथति का ज्ञान एव रास्तों की जानकारी प्राप्त करके अपनी यात्रा को आसान बनाते है। इन दो तरीको के अलावा भी बहुत सारी संवेदी छडि़यां एवं चश्मे भी उपल्बध है जो समय-समय सामने आने वाली बाधाओं  के बारे में  बताते रहते है।

दूसरी बड़ी समस्या है बिना किसी की मदद से समाज में घट रही घटनाओं की जानकारी, पढ़ार्इ, दूसरों से पत्राचार, समाचार पत्रों आदि तक अपनी पहुंच कैसे बनार्इ जाये। कैसे यह पता किया जाये कि आस-पास क्या हो रहा है। आज कल लगभग सारे समाचार पत्र इंटरनेट पर र्इपेपर के रूप में मिल जाते है जिन्हें दृष्टिहीन भी पढ़ सकते है। आपको यह सब बाते एक सपने जैसी लग रही होगी, लेकिन मै आपको यकीन दिलाती हू की हकीकत मे ऐसा होता है, मै स्वयं भी ऐसे ही समाचार पत्र पढ़ती हूं, मुझे भी तो दिखार्इ नहीं देता।

कम्प्यूटर और मोबार्इल का इस्तेमाल स्क्रीन रीडर से कर के यह सभंव हो सका है। स्क्रीन रीडर एक ऐसा साफटवेयर है जो मानीटर की स्क्रीन पर आ रहे शब्दों को आवाज में बदल देता है जिससे दृष्टिहीन भी सुन कर कम्प्यूटर और मोबार्इल पर काम कर पाते है, इसमें अपनी जरूरत के हिसाब से थोड़े बहुत बदलाव भी किये जा सकते है ताकि काम में आसानी हो सके। इस स्क्रीन रीडर की मदद से दृष्टिहीन भी इंटरनेट का इस्तेमाल करके समाचार पत्र पढ़ सकते है, र्इमेल, फेसबुक, आदि का प्रयोग कर सकते है, अपने जरूरत की जानकारी प्राप्त कर सकते है। इसकी मदद से पढ़ार्इ – लिखार्इ के अलावा विभिन्न प्रकार की नौकरीयों में काम बहुत आसान हो जाता है। यहा तक कि अपना बैंक खाता, ए.टी.एम. कार्ड आदि का भी प्रयोग कर लेते है।

दृष्टिहीन लड़कियोंमहिलाओं को घरेलू कार्यो को अच्छी तरह करने के लिए देश भर में बहुत सारी सामाजिक संस्थाएं प्रशिक्षण देती है। जिसमें उन्हें खाना बनाने से लेकर अलग अलग तरह के डिब्बों को कैसे पहचाना जाये, रंगों, मसालों आदि के बारे में भी सिखाया जाता है। बहुत सारी तकनीकों ने भी घरेलू कार्यो को आसान बना दिया है। आगे आने वाले अंको में हम लोग इन सब बातो को विस्तार पूर्वक बारी बारी से जानेगें।

- नेहा अग्रवाल