आगरा। नेत्रदान को बढ़ावा देने को ‘दृष्टि 2015’ समारोह का आरंभ शुक्रवार को डॉ. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय के जुबली हॉल में होगा। दो दिवसीय समारोह में फिल्म फेस्टिवल, नाटक व पोस्टर प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा। नेत्रदान को लेकर देशभर से आईं 16 फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। कार्यक्रम में सौ से अधिक पोस्टर भी दिखेंगे। इस कार्यक्रम को अंतरदृष्टि संगठन और विश्वविद्यालय के एमएसडब्ल्यू विभाग मिलकर आयोजित कर रहा है।
दृष्टि 2015अंतरदृष्टि के सीईओ अखिल श्रीवास्तव ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि समारोह की शुरुआत शुक्रवार की दोपहर 1.30 बजे होगा। पहले दिन नेत्रहीन लोगों के अनुभव पर चर्चा, पिछले कन्वेंशन पर वीडियो और 150 नेत्रहीनों के ताज भ्रमण की फिल्म दिखाई जाएगी। जबकि दूसरे दिन शनिवार को सुबह 10 बजे से फिल्म फेस्टिवल का आयोजन होगा। दोपहर 12.30 बजे नाटक का मंचन होगा।
अखिल ने बताया कि दृष्टि कार्यक्रम पिछले पांच साल से आयोजित हो रहा है। इसकी शुरुआत वर्ष 2011 में की गई थी। इसमें देशभर से नेत्रदान को बढ़ावा देने वाली फिल्म, पोस्टर, ऑडियो जिंगल की एंट्री मंगवाई जाती है। अब तक 70 से अधिक फिल्में हैं। इस बार ‘दृष्टि 2015’ में 16 फिल्मों की प्रवृष्टि आई हैं। समारोह में इनका प्रदर्शन किया जाएगा।
इस बार समारोह में सूरदास नेत्रहीन विद्यालय के छात्रों का नाटक भी आयोजित किया जा रहा है। यह 12 मिनट का नाटक है और डायलॉग, म्यूजिक, गाना, सब कुछ नेत्रहीन बच्चों ने तय किया है। हमने नाटक निर्माण में सिर्फ राह दिखाई है। इस नाटक का शीर्षक ‘अबे अंधा है क्या..’ है। इसमें बच्चों की तरफ से सवाल है कि स्मार्ट सिटी में क्या उनके लिए हिस्सा है या नहीं। नाटक में आम बोलचाल की भाषा को शामिल किया गया है। संदेश है कि हमें दया दान पर रखोगे, केवल भजन पर सीमित न रखें। उनका भी मनोरंजन का अधिकार है। उनके लिए भी थिएटर होना चाहिए। देख नहीं सकते तो सुन तो सकते हैं।
डॉ. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय के एमएसडब्ल्यू विभागाध्यक्ष रणवीर सिंह ने कहा कि विभाग पहले की तरह लगातार इस कार्यक्रम में सहयोगी है। कार्यक्रम के माध्यम से कोशिश होगी कि नेत्रहीन लोगों को आंतरिक ऊर्जा कैसे दी जाए, ताकि वे समाज में अपनी पूरी जगह रख सकें।