आगरा। नेत्रहीन छात्र भी अब रंगमंच पर अपनी कला का प्रदर्शन करते दिखेंगे। अंतरदृष्टी संगठन के तत्वावधान में गुरुवार (10 दिसंबर) से नेत्रहीनों के लिए थिएटर वर्कशॉप शुरू हो रही है। सूरकुटी स्थित सूरदास नेत्रहीन विद्यालय में सात दिनों तक होने वाली वर्कशॉप में दो दर्जन से ज्यादा छात्र भाग लेंगे। यह जानकारी अंतरदृष्टी संगठन के मैनेजिंग ट्रस्टी अखिल श्रीवास्तव ने प्रेस वार्ता में दी।
नेत्रहीनों के लिए थिएटर वर्कशॉप
अखिल श्रीवास्तव ने बताया कि थिएटर वर्कशॉप के दौरान एक नाटक ‘अबे, अंधा है क्या’ को तैयार किया जाएगा। यह वर्कशॉप नेत्रहीनों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई है जिसमे नेत्रहीनो को नए नए अभ्यास के माध्यम से नाटक की स्क्रिप्ट, संगीत और निर्देशन की बारीकियों को समझाया जाएगा। वर्कशॉप के दौरान नेत्रहीन स्वयं से ही इस नाटक को तैयार करेंगे, चाहे वो नाटक का संगीत देने की बात हो या स्क्रिप्ट लिखने की या फिर निर्देशन की, नाटक की हर विधा का इस्तेमाल वो अपनी समझ से करेंगे। वर्कशॉप में मस्ती होगी, डांस होगा, बच्चों का अल्हड़पन तथा खिलदंड़पन भी होगा। बच्चे अपनी समस्याओ जैसे ढंग से बोल न पाना, बोलते समय कांपना,बहुत ज्यादा उत्साहित होना, अपने शरीर के उपर नियंत्रण नहीं रख पाना इत्यादि पर विजय पाने की कोशिश करेंगे।
सूरकुटी स्थिति सूरदास नेत्रहीन विद्यालय के भुवनेश श्रोत्रीय ने कहा कि थिएटर वर्कशॉप का मकसद नेत्रहीन बच्चों में आत्मविश्वास, व्यक्त्वि विकास और सामूहिकता की भावना पैदा करना है।
प्रेस वार्ता में अंतरदृष्टी के सहयोगी श्रीधर उपाध्याय ने बताया कि थिएटर वर्कशॉप का संचालन दिल्ली के वरिष्ठ रंगकर्मी राकेश भारद्वाज करेंगे। इस नाटक का मंचन अंतरदृष्टी के कार्यक्रम ‘दृष्टी 2015’ के दौरान डॉ. बीआर अंबेडकर विश्वद्यालय के जुबली हॉल में किया जाएगा। दृष्टी नेत्रदान प्रोत्साहन हेतु अभियान पिछले पांच सालों से चलाया जा रहा है। इसके दौरान देश भर से आई प्रविष्टियों (शॉर्ट फिल्म, पोस्टर, डिजाइन व ऑडियो जिंगल) का प्रदर्शन किया जाता है। इस बार भी 16 शॉर्ट फिल्में, 150 से ज्यादा पोस्टर आदि आ चुके हैं। समारोह के दौरान इनके विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा।