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दृष्टिहीनता अचानक नहीं होती बल्कि जैसे-जैसे व्यक्ति का शुगर लेवल बढ़ता है, वैसे-वेसे उसका शरीर प्रभावित होता है और आंखों से धुंधला दिखाई देने लगता हैं।
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आंखें इतनी कमजोर होने लगती हैं कि टीवी देखने या ड्राइविंग करने में भी समस्या आने लगती है, यह अंधेपन का कारण बनती है।
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यदि किन्हीं कारणों से मधुमेह के दौरान समय-समय पर चेकअप कराना संभव नहीं तो आपको आंखों में कोई भी तकलीफ होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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अंधेपन से बचने के लिए, बढ़ती उम्र के साथ होने आंखों की समस्याएं होने पर डॉक्टर की सलाह पर दवाई डालते रहनी चाहिए।
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दृष्टिहीन न हो, इसके लिए आपको आंखों की एक्सरसाइज करनी चाहिए। ये एक्सरसाइज दो तरह की होती है एक तो किसी चीज पर फोकस करके और दूसरा मशीनों द्वारा। जिन्हें डॉक्टर की मदद से किया जा सकता है।
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यदि आपकी आंखें कमजोर है या फिर आंखों की मांसपेशियां इत्यादि कमजोर हैं तो इसे नजरअंदाज न करें, मधुमेह रोगी को अपनी आंखों की अतिरिक्त देखभाल करनी चाहिए और आंखों का सही ट्रीटमेंट डॉक्टर से लेना चाहिए।
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यदि डॉक्टर आपको चश्मा पहनने की सलाह देते हैं तो शर्म या अन्य कारणों से चश्मा पहनने में देर न करें बल्कि डॉक्टर के निर्देशानुसार नंबर का चश्मा लगवाएं और अपने मन से यह भ्रम निकाल दें कि एक बार चश्मा पहनने के बाद ये कभी नहीं उतरेगा। चाहे तो आप लैंस भी लगवा सकते हैं।
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दिन में 4-5 बार आंखों को ठंडे पानी से प्रतिदिन धोयें।

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