गर्मियों में अपनी आँखे स्वस्थ रखें

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गर्मियों में आंखों की देखभाल: ताकि आंखें रहें अच्‍छी बनी रहें 
गर्मियों के मौसम में यदि हम कुछ बातों का विशेष ध्यान दें तो इन आंखों की बहुत सारी समस्याओं बच सकते हैं। आंखों पर दिन में कई बार ठंडे साफ पानी से धोएं। आंखों पर खीरे के टुकडे़, रुई के फाहे में गुलाब जल डालकर रखें। इससे आंखों को ताजगी मिलेगी। आंखों के लिए स्वस्थ भोजन और अच्छी नींद दोनों ही बेहद जरूरी हैं। खाने में हरी सब्जियां जैसे पालक, गाजर, बथुआ, सरसों, अंकुरित अनाज आदि ज्यादा खाएं। दिन में कम से कम दो लीटर पानी पिएं ताकि आपके शरीर की गंदगी बाहर निकले और नमी बनी रहे, जो कि आंखों के लिए भी जरूरी है। आंखों में किसी भी प्रकार संक्रमण हो, साफ-सफाई का विशेष ध्‍यान रखें। आंखों को बार-बार हाथ से न छुएं और न ही रगड़ें। काला चश्मा हमेशा पहन कर रखें। अपना चश्मा किसी और को पहनने के लिए कभी नहीं दें। प्रभावित व्‍यक्ति द्वारा प्रयोग की हुई किसी भी चीज को दूसरों के संपर्क में नहीं आने दें।

गर्मियों में अपनी आँखे स्वस्थ रखें

तेज धूप में

तेज धूप में जब भी बाहर निकले धूप से बचने के चश्‍में यानी सनग्लासेज पहनें, ताकि हमारी आंखें सूर्य की परा-बैंगनी यानी अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बची रहें। इन किरणों का आंखों पर इतना खराब असर होता है कि कभी-कभी प्रभावित व्‍यक्ति को मोतियाबिंद, रेटिना में खराबी आदि समस्याओं से जल्दी दो-चार होना पड़ सकता है। जिस तरह सूरज से निकले वाली यूवी किरणों से बचने के लिए गर्मियों में सनस्क्रीन का प्रयोग किया जाता है ठीक उसी प्रकार आंखों के लिए यूवी किरणों से बचने के लिए चश्‍मों को प्रयोग किया जाना चाहिए। यूवी से बचाव की क्षमता वाले धूप के चश्‍में यानी सनग्‍लासेज हमारी आंखों को सूरज की परा-बैंगनी किरणों से बचाते हैं। जब भी सनग्‍लासेज खरीदें, इस बात का ध्‍यान रखें कि वह यूवी किरणों को रोकने के लिए 100 प्रतिशत कारगर हों और जो चारों और से फ्रेम से बंधा हो ताकि धूल- मिट्टी व किरणें आंखों तक नहीं पहुंच सकें। अपनी आंखों को साफ ठंडे पानी से बराबर साफ करतें रहें। जो लोग यू.वी. प्रोटैक्टिव कांटैक्ट लैंस पहनते हैं उन्हें भी सनग्लासेज पहनना चाहिए ताकि आंखों के बचे हुए हिस्‍से को भी सूरज की यूवी किरणों से बचाया जा सकें। अगर आप पावर लेंस का प्रयोग करते हैं तो भी आपको सनग्लास पहनने चाहिए, ताकि अल्ट्रावायलट किरणें आपकी आंखों को नुकसान न पहुंचे।

तैराकी के दौरान

तैरते समय तैरने के दौरान पहने वाले चश्‍मों को प्रयोग करें, यह न सिर्फ आपको क्‍लोरीन से होने वाली एलर्जी से बचाएगा बल्कि तरणताल में कंन्‍जंक्‍टवाइटिस से भी बचाएगा। आमतौर पर तरणताल में पानी को साफ व सुरक्षित रखने के लिए बहुत ज्यादा क्लोरीन और केमिकल्स का प्रयोग होता है, जो आंखों में संक्रमण पैदा कर सकता है। इसलिए जब भी स्विमिंग पुल से बाहर निकलें, तो साफ पानी से आंखों को धोएं। यदि कोई समस्‍या होती है तो नेत्र विशेषज्ञ की सलाह लें।

इनसे हो सकता है आंख को नुकसान

  • आंखों में कचरा, धूल, मिट्टी या रेत के कण आदि गिर जाने पर आखों को रगड़े नहीं।
  • आंखों में काजल, सुरमा, स्याही, मस्कारा और लाइनर आदि का इस्तेमाल न करें। इनमें केमिकल्स और कार्बन पार्टिकल्स पाए जाते हैं जो आंखों में एलर्जी कर सकते हैं।
  • किसी दूसरे का रुमाल या तौलिया इस्तेमाल न करें।
  • कन्जंक्टीवाइटिस के मौसम में स्वीमिंग पूल में न जाएं।
  • आंखों में परेशानी होने पर खुद इलाज न करें।
  • एक बार आई ड्रॉप खुल जाने के एक महीने के अंदर उसका यूज कर लेना चाहिए। बची दवा फेंक दें।
  • एसी के ठीक सामने नहीं बैठना चाहिए। यह आंखों के लिए ठीक नहीं होता।
  • हाथों को हमेशा साफ रखें।
  • धूप के चश्में आपको केवल धूप से ही नहीं बल्कि धुएं और गंदगी से होने वाली एलर्जी से भी बचाते हैं।
  • स्टाइल के चक्कर में छोटे फ्रेम का चश्मा न पहनें। चश्मे के फ्रेम का साइज इतना बड़ा होना चाहिए, जो आंख को पूरी तरह से ढक ले।
  • आंखों के आसपास सन्स्क्रीन न लगाएं। इससे आंखों को नुकसान हो सकता है।
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